नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वक्फ सुधारणा विधेयक (Waqf Reform Bill) को पारित करवाकर न सिर्फ सरकार की स्थिरता साबित की, बल्कि राजनीति के तीन बड़े मोर्चों पर एक साथ जीत हासिल की। यह विधेयक NDA सरकार के लिए एक बड़ी रणनीतिक सफलता साबित हुआ है, जिससे विपक्षी गठबंधन (India Alliance) की एकजुटता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
भाजपा का पहला डाव: “अल्पमत की सरकार” का झूठ उजागर करना
2024 के लोकसभा चुनावों के बाद BJP का बहुमत कम हुआ था, जिसे विपक्ष ने “अस्थिर सरकार” बताकर प्रचारित किया था। लेकिन वक्फ सुधारणा विधेयक के पारित होने से साबित हो गया कि NDA के पास अभी भी मजबूत बहुमत है। मित्र दलों जैसे TDP, JDU और LJP-RAM विलास का समर्थन मिलने से BJP ने अपनी साख बरकरार रखी है।
भाजपा का दूसरा डाव: हिंदुत्व + Pasmanda मुस्लिम, दोनों को साधने की रणनीति
वक्फ सुधारणा विधेयक (Waqf Board Reform Bill) का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में पारदर्शिता लाना बताया गया है। BJP का दावा है कि इससे गरीब और पिछड़े मुसलमानों (Pasmanda Muslims) को फायदा होगा, जबकि हिंदुत्ववादी मतदाताओं को भी संतुष्टि मिली है।
भाजपा का तीसरा डाव: इंडिया अलायंस की फूट उजागर!
विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस, SP, TMC और अन्य विपक्षी दलों में एकता का अभाव दिखा। कुछ नेताओं ने विरोध किया, तो कुछ चुप रहे। इससे साबित हुआ कि इंडिया अलायंस (INDIA Alliance) अभी भी रणनीतिक रूप से कमजोर है।