मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर वर्ष जनवरी महीने में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे “संक्रांति” कहा जाता है। इस पर्व को प्रकृति, कृषि, और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Makarsankranti की विशेषताएँ
1) सूर्य पूजा:
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं, जो नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
2) धार्मिक महत्व:
इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर दान करने से कई गुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
3) तिल और गुड़ का महत्व:
makarsankranti ke दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मिठाइयाँ खाने और बाँटने की परंपरा है। तिल और गुड़ गर्मी प्रदान करते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
4) खिचड़ी पर्व:
उत्तर भारत में मकर संक्रांति को “खिचड़ी पर्व” भी कहा जाता है। इस दिन खिचड़ी बनाना और भगवान को अर्पित करना शुभ माना जाता है।
5) पतंग उत्सव:
मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है। गुजरात, महाराष्ट्र, और राजस्थान में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पतंग उड़ाना जीवन की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने का प्रतीक है।
Makarsankarnti ke आध्यात्मिक दृष्टिकोण
मकर संक्रांति को आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक जागृति का पर्व भी माना जाता है। इस दिन सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण वातावरण भक्तों को साधना और ध्यान के लिए प्रेरित करता है।
Makarsankarnti का संदेश
यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, आलस्य से कर्म की ओर, और उदासी से उत्साह की ओर बढ़ने का संदेश देता है। जीवन में नई शुरुआत करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है।